नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ईएमआई में तीन महीने की छूट के दौरान ब्याज वसूलने के मामले में नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। कोरोना संकट के दौरान बैंकों ने ग्राहकों को होम लोन अन्य कर्ज की ईएमआई में तीन महीने की छूट दी थी, जिसे तीन और महीने बढ़ाकर अगस्त,2020 तक कर दिया है । जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता और कुमार दुष्यंत सिंह ने पीठ को बताया कि ईएमआई से छूट लेने पर ग्राहकों से इस अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जा रहा है। इस संकट की घड़ी में लोग बेहद कठिन दौर से गुजर रहे हैं। ऐसे में अगर ब्याज वसूला जाएगा तो छट का उद्देश्य खत्म हो जाएगा।


इससे पहले. 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को यह परीक्षण करने को कहा था कि क्या बैंकों द्वारा उसके 27 मार्च के सर्कुलर के तहत ग्राहकों को तीन महीने के लिए ईएमआई से राहत दी जा रही है या नहीं। तब कोर्ट ने कहा था कि लगता है कि आरबीआई के दिशा-निर्देशों का फायदा ग्राहकों को नहीं मिल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज की किस्त से राहत (मोरिटोरियम) के दौरान बैंक द्वारा कर्ज की किस्त पर ब्याज लेने के मामले को गंभीर मुद्दा कहा है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कर्ज की किस्त के साथ ब्याज भी माफ करने की मांग पर सुनवाई 12 जून तक टाल दी है। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का अनुरोध स्वीकार करते हुए इस मामले में वित्त मंत्रलय तथा आरबीआइ से जरूरी निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय दे दिया। ये आदेश न्यायमूíत अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने किस्त के साथ ही मोरिटोरियम के दौरान ब्याज भी माफ करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान दिए।

RELATED ORDER https://main.sci.gov.in/supremecourt/2020/11127/11127_2020_34_20_22217_Order_26-May-2020.pdf