fixed deposits

Fixed deposit पर ब्याज वर्तमान में बैंकों में बचत खातों से भी कम मिल रहा है। Fixed deposit पर घट रहा है फायदा: न रहें कनफ्यूज, यहां करें निवेश तो जल्दी डबल होगा पैसा।

बेहतर रिटर्न के लिए पहले फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed deposit) निवेश का बेहतरीन जरिया माना जाता था। लेकिन वर्तमान में यह अब फायदे का सौदा नहीं रह गया है। हालत यह है कि कम अवधि के एफडी पर बैंकों में जितना ब्याज मिल रहा है उतना इब्याज तो बचत खातों पर मिल रहे हैं।

कई बैंक बचत खाता पर ग्राहकों को 3.5 फीसदी तक ब्याज दे रहे जबकि एफडी पर तीन फीसदी ब्याज देने की पेशकश कर रहे हैं।

आम लोगों के बीच बैंक सावधि जमा (Fixed deposit ) सुरक्षित निवेश के साथ नियमित आय का सबसे बेहतरीन जरिया रहा है। लेकिन, कोरोना संकट ने एफडी निवेशकों का पूरा गणित ही बिगाड़ दिया है। छोटी अवधि की बैंक एफडी पर ब्याज दरें अब बचत खातें की ब्याज दरों के आसपास पहुंच गई हैं।

कई मामलों में ये कुछ बैंकों के बचत खातों की दरों से भी कम हैं। इस वजह से अब ग्राहक अपने पैसों को बचत खाते या Fixed deposit में रखने की बजाय कहीं और निवेश कर सकते हैं। कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बड़ी कटौती की है। इसकी वजह से बैंक कर्ज और जमा दर में भारी कटौती कर रहे हैं।

नकारात्मक रिटर्न से इस तरह आपको नुकसान

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अभी Fixed deposit पर जो रिटर्न मिल रहा है वह महंगाई के मुकाबले कम है | इसके चलते निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही Fixed deposit से प्राप्त राशि भी कर योग्य होती है। ऐसे में वह समझदारी से निवेश कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर सकते हैं बल्कि नुकसान से भी बच सकते हैं। fixed deposit के अलावा और दूसरे जरियों में निवेश कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर सकते हैं बल्कि नुकसान से भी बच सकते हैं।

सेविंग जनरेशन पर निगेटिव असर हो सकता है

रिटर्न में गिरावट से देश की सेविंग जनरेशन पर निगेटिव असर पड़ सकता है। यह पहले से ही 15 साल के निचले स्तर पर है। वित्त वर्ष 2019 में भारत की कुल बचत जीडीपी के 30.1 प्रतिशत पर आ गई थी। वित्त वर्ष 2012 में यह 34.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2008 में 36 प्रतिशत थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, घरेलू बचत वित्त वर्ष 2012 में 23 प्रतिशत से घटकर 2019 में 18 प्रतिशत हो गई। बचत दर का टर्म डिपॉजिट दरों के नजदीक चले जाना लंबे समय तक आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता का संकेत हो सकता है।

पिछले कुछ महीनों की बात करें तो बैंकों के डिपॉजिट रेट में खासी कमी दर्ज की जा चुकी है. एसबीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, पीएनबी और आईसीआईसीआई जैसे बैंकों ने सितंबर से अबतक अपनी ब्याज दरों में कुछ न कुछ कटौती की है. आने वाले दिनों में ब्याज दरों में और गिरावट की उम्मीद है, ऐसे में कन्जर्वेटिव निवेशक भी Fixed deposit की बजाए दूसरे विकल्पों की तलाश में हैं. सवाल उठता है कि अगर बैंक अपने एफडी रेट घटा रहे हैं तो ऐसे कौन से दूसरे विकल्प हैं, जो रिटर्न देने में इसके मुकाबले बेहतर विकल्प हैं.

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में एफडी पर ब्याज दर घट रही हैं। यह आने वाले समय में और गिर सकती है। ऐसे में निवेशक पीपीएफ, पोस्ट आफिस आरडी, सुकन्या समृद्धि ,नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र , ईएलएसएस, म्यूचुअल फंड का रुख कर सकते हैं

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पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम में 1 साल से 5 साल तक निवेश की सुविधा है. इसमें 5.5 फीसदी से 6.7 फीसदी तक रिटर्न मिल रहा है.

  • 1 साल की जमा पर: 5.5% सालाना रिटर्न
  • 2 साल की जमा पर: 5.5% सालाना रिटर्न
  • 3 साल की जमा पर: 5.5% सालाना रिटर्न
  • 5 साल की जमा पर: 6.7% सालाना रिटर्न
  • पोस्ट आफिस आर डी:5.8% सालाना रिटर्न।

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नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

NSC पर 6.8 फीसदी का सालाना चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है. NSC में निवेश किसी भी पोस्‍ट ऑफिस जहां पर सेविंग खाता खोलने की सुविधा उपलब्‍ध हो वहां से कर सकते हैं. NSC स्कीम के तहत निवेश की कुल अवधि 5 साल की है. इसमें निवेश की अधिकतम लिमिट तय नहीं है. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्‍स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है.

किसान विकास पत्र (KVP )

किसान विकास पत्र पर सालाना 6.9 फीसदी ब्याज दर है. यह एक तरह का सर्टिफिकेट है, जिसे कोई भी व्‍यक्ति खरीद सकता है. इसे बॉन्‍ड की तरह जारी किया जाता है. किसान विकास पत्र पर एक तय ब्‍याज मिलता है. यह छोटी बचत स्कीम्स में आता है. यहां 9.5 साल में आपका निवेश दोगुना हो जाता है. मिनिमम डिपॉजिट 1000 रुपये है. बाद में आप 1000 रुपये के मल्टीप्लाई यानी गुना में अमाउंट बढ़ा सकते हैं.

एसबीआई एवं आईसीआईसीआई बैंक ने घटाई जमा पर ब्याज दरें

एसबीआई एवं आईसीआईसीआई बैंक ने मंगलवार 3 जून 2020 को बचत जमा पर ब्याज दर में कटौती करने की घोषणा की । एसबीआई ने 5 बेसिस अंक जबकि आईसीआईसीआई बैंक ने ब्याज दर में 25 बेसिस अंक की कटौती की है। एसबीआई की कटौती 31 मई से लागू होगी अब बैंक में बचत पर 2.70 फ़ीसदी ब्याज ही मिलेगा जबकि आईसीआईसीआई बैंक ने बताया कि उसके 50 लाख से कम धनराशि वाले सभी बचत खातों पर अब 3.25 फ़ीसदी के बजाय 3 फ़ीसदी का ब्याज मिलेगा।